15 अगस्त और 26 जनवरी पर देश भक्ति शायरी “Desh Bhakti Shayari”

dosto aaj ki is post me ham 15 अगस्त और 26 जनवरी पर देश भक्ति शायरी dene wale hai. agr aap ko nahi pata ki in 15 agast or 26 janvari kyu manaye jate hai. to aap ise kuch yu samajh lo ki 15 august aur 26 january bharat ke do sabse mahatvpurn rashtriy tyohaar hain. 15 august ko swatantrata divas manaya jata hai, kyuki is din bharat ne british shasan se swatantrata hasil ki thi. aur 26 january ko ganatantra divas manaya jata hai, kyuki isi din bharat me sanvidhan lagu hua tha.

ye donon tyohaar bharat ke liye bahut mahatvpurn hain. ve bharat ke itihaas, paramparaon aur mulyon ka jashn manane ka samay hain.

yahan 15 august aur 26 january ke bare mein hamne desh bhakti shayari likhi hai jise aap apne status par yar instagram story par bhi laga sakte hai. 

Desh Bhakti Shayari

पाना है जो #मुकाम वो मुकाम अभी बाकी है…
करना है एक काम जो #सरहद के नाम अभी बाकी है…

हमारे यहाँ #जवान मरते नहीं हैं…
या तो वो #विजय होते हैं या फिर #अमर होते हैं…

सर्दी #मास्टर और #लैक्चरों के लिए बढ़ी है सहाब…
खेत में #किसान और सीमा पर #जवान तो आज भी वही है…

तू ले जा जितने चाहे #जितने चाहे सर मेरे…
मैं #शहादत के लिए पूरा #कारवां लिए बैठा हूँ…

अरे कितने #मिट गए इस माटी पर…
कितनों का #बलिदान अभी जारी है…
दुनिया भर के #झंडों पर अपना #तिरंगा भारी है…

यूं तो #हम रोज ही सौ बार सौ #बात कर लेते हैं…
क्यों ना आज बिना किसी #वजह एक #शहीद को याद कर लेते हैं…

Desh Bhakti Shayari In Hindi

#उन आँखों की दो #बूंदों से सातों सागर हारे हैं…
जब #मेहँदी वाले #हाथों ने मंगल – सूत्र उतारे हैं…

मेरे #जज्बातों से मेरा #कलम इस कदर वाकिफ हो जाता है…
मैं इश्क भी #लिखना चाहू तो #इंकलाब लिखा जाता है…

जिस #ज़िंदगी को तुने “फिक्र”में जिया…
उस ज़िंदगी को #उसने “फर्क”से जिया…

जिनमें अकेले #चलने के हौसले होते हैं…
एक दिन #उन्हीं के पीछे पूरे #काफिले होते हैं…

#सरहद पर एक #फौजी अपना वादा निभा रहा है…
धरती #मां की #मोहब्बत का कर्ज चुका रहा है…

अपनी #आजादी को हम #हरगिज मिटा सकते नहीं…
सर कटा सकते हैं #लेकिन सर #झुका सकते नहीं…

#कोशिश भी कर #उमीद भी रख रास्ता भी चुन…
फिर इसके बाद #थोड़ा सा मुकद्दर तलाश कर…

Desh Ke Liye Shayari 

#समुंदर में उतर #लेकिन उभरने की भी सोच…
डूबने से पहले… अपनी #गहराई का अंदाजा लगा…

जिसकी #वजह त…
सारा #देश चैन की साँस सोया करै…
वो मारो #फौजी होया करै…

दम #निकले इस देश की #खातिर बस मेरा यही अरमान है…
इक #बार इस राह पर #मरना 100 जन्मों के समान है…

सीनें में #ज़ुनून ऑखों में #देंशभक्ति की #चमक रखता हूं…
दुश्मन के साँसें थम जाए #आवाज में वो #धमक रखता हूं…

मैं जला हुआ #राख नहीं, अमर #दीप हूँ…
जो मिट गया #वतन पर, मैं वो #शहीद हूँ…

आज तिरंगा #लहराता है, अपनी पूरी शान से…
हमें मिली #आजादी, वीर शहीदों के बलिदान से…

दुश्मनों को #पहुँचाऊँगा कब्र के देश…
तेरे वास्ते #कफन पहनूंगा तिरंगे सा खेश…

चीर के #बहा दूं लहू #दुश्मन के सीने का…
यही तो मजा है #फौजी होकर जीने का…

बाजी #लगा देंगे #अपनी जान की…
जब बात चलेगी #हिंदुस्तान की…

रिवायत सी बन गयी है #देशभक्ति तो जनाब…
बस लोग #तारीखों पर #फर्ज अदा करते हैं…

Desh Bhakti Ki Shayari

#सीमा नहीं बना #करतीं हैं कागज खींची लकीरों से…
ये घटती-बढ़ती रहती हैं #वीरों की शमशीरों से…

जो अब तक ना #खौला वो खून नही पानी है,
जो देश के काम ना आये वो #बेकार जवानी हैं।

मेरा यही #अंदाज जमाने को #खलता है,
कि चिराग #हवा के #खिलाफ क्यों जलता है।

लहू वतन के #शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है #जमाने में नाम-ए-आजादी।

दिल से #निकलेगी न मर कर भी #वतन की नफरत,
मिट्टी से भी #खुशबू-ए-वफा आयेगी।

#तैरना है तो #समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं,
प्यार करना है तो देश से #करो औरों #में क्या रखा है।

जो देश के लिए शहीद #हुए उनको मेरा सलाम है,
अपने खूं से #जिसने जमीं को सींचा उन #बहादुरों को सलाम है।

देशभक्ति शायरी

यहीं रहूँगा कहीं #उम्र भर न जाऊंगा,
#ज़मीन माँ है इसे #छोड़ कर न जाऊँगा।

#शहीदों की #चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटने वालों का #बाकी यही निशां होगा।

आओ #झुककर सलाम करे उनको, जिनके #हिस्से में ये मुकाम आता है,
#खुशनसीब होते है वो लोग, #जिनका लहू इस #देश के काम आता है।

सीने में जुनून, आँखों में #देशभक्ति, की चमक रखते हैं
दुश्मन की साँसें थम जाए, #आवाज में वो धमक रखते हैं…!!


आज झंडा लहराता है पूरी शान से
हमें आज़ादी मिली है वीरो के बलिदान से।।

वतन से खूबसूरत कोई #सनम नहीं होता
तिरंगे से #ख़ूबसूरत कोई #कफन नहीं होता ।।

फिर #उड़ी मेरी नींद ये सोच कर की जो बहा
#शाहिदो का #खून सिर्फ #मेरी नींद के लिए। 

ना हरा #चाहिए ना केसरी चाहिए
हम #भारतीय हैं हमें #तिरंगा चाहिए।

#देश के लिए मर मिटना
#कुबुल है यही देश #की आजादी के लिए #अनुकुल है।