प्यार से मिलने की ख़ुशी का आलम ही बिलकुल अलग होता है और खास कर उस इंसान से जिससे हम अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करते हो और वो मिल भी बहुत दिनों के बाद रहा हो तो । और अगर आप उस इंसान के लिए इस ख़ास मोके पे एक दो शायरी पढ़ कर सुना दे तो तो क्या ही बात हो जायगी आपके impression की।
इसी लिए आज की इस पोस्ट में Rahat Indori Shayari .Com आपके लिए लेकर आया है बहुत दिनों के बाद मिलने पर शायरी आशा करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आएगी। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर से शेयर करे।
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बहुत दिनों के बाद मिलने की शायरी
जिसे देख के छाये बहार,
नज़रों में आ जाये चमक हज़ार,
मन हो जाये हर्षित अपार,
दिल को मिल जाये खुशियों का अम्बार,
उससे मिलने की ख़ुशी मत पूछो,
जिसके पास ये दिल रहना चाहिए बार बार।
तुम्हारे मिलने की ख़ुशी मत पूछो,
तुम एक मुकम्मल ख्वाब हो मेरा।
उससे मिलने की ख़ुशी मत पूछो किसी होगी,
जैसे अम्बर को मिलने की इज़ाज़त धरती को होगी,
चाँद सितारे भी आयंगे हमारी उस मुलाकात में,
वो शाम महफ़िल में सिर्फ हमारी ही बातें होंगी ।
कुछ बाते ज़ुबान पर नहीं,
दिल में रहे तो अच्छी होती है,
उनसे मिलने की ख़ुशी मत पूछो क्योकि,
कलम से लिखने की हिम्मत नहीं होती।
उससे मिलने की ख़ुशी मत पूछो,
उनके यूँ रूठ जाने का गम मत पूछो
काश कोई टाइम मशीन होती
हम पीछे जाके उन्हें मना लाते,
बिखरने से पहले हम उनसे एक मुलाकात कर आते,
फिर कभी हम से यूँ नाराज़ ना होने का वादा ले आते।
हर घडी हर लम्हा याद आता है,
जब भी दिल में उसका ख्याल आता है,
आज उन लम्हो को फिर से दोहराना है,
हमें आज फिर से वक़्त एक साथ बिताना है।
धड़कने मद्धम हो जाती है,
जान हथेली पर आ जाती है,
ज़मीं पर पड़ते नहीं कदम,
आसमान में थिरकने लगते है।
बहुत दिनों के बाद मिलने की शायरी
युगो से तरसी धरती से बारिश का सबब मत पूछो,
एक ठहरे हुए नाविक से दरिया के सबक मत पूछो,
हम तो मायूस हो चुके थे रेगिस्तान के गहरे साये से,
मिला है वो तो आँखों के बरसने का अदब मत पूछो।
जिनसे मिलने की उम्मीद खो चुकी हो,
और वो मिल जाये तो क्या ख़ुशी मिलती है,
ये मिलने वाले से पूछो।
वो मोहब्बत ही क्या जिसकी मंज़िल पास हो,
ना मिलने का यक़ीन फिर भी मिलने की आस हो,
एक मुलाकात ऐसी हो की वो लम्हे ज़िन्दगी भर याद हो।
बहुत मन हो रहा है आज उससे मिलने का,
या खुदा हो सके तो आज कुछ पल के लिए मुझे हवा बना दे।
सुनो जान,
इन दूरियों को तुम ज़रा सा रवाना कर दो,
मिलने का हमसे कोई अब बहाना कर दो।
बेक़रार दिल को करार मिल जायगा,
जब यह बातो का सिलसिला मुलाकातों में बदल जायगा।
क्या हुआ अगर तू मेरी हो ना पाई,
चर्चे अक्सर अधूरे इश्क़ के ही हुआ करते है।
मिटा ना पाओगे मेरे निशान दिल से,
मिलने से जुदाई तक बेशुमार हूँ मैं।
सुनो तुम मेरे चेहरे पे मुस्कराहट फिर से ला सकती हो क्या।
तुम मुझसे मिलने लखनऊ आ सकती हो क्या।
बिछड़ के मिलने की शायरी
हम खुद से बिछड़े हुए लोग है,
तुम से क्या मिल पायंगे।
कभी हम अगर ख्वाब में मिल गए,
बताओ फिर नज़रे मिलाओगे कैसे।
कुछ लम्हे सजा कर रखे है मेने तुम्हारे लिए,
इंतज़ार सिर्फ तुम्हारे मिलने का है।
हर बार बुलाना पड़ता है उन्हें एक नए बहाने से,
वो यूँही मिलने आते नहीं हमारे बेवजह बुलाने से।
तुम महज मिलने का बहाना ढूंढ लेना,
हम दुनिया के सामने उसे इत्तेफ़ाक़ साबित कर देंगे।
दिन काट जाता है पर रात का क्या जो सोने नहीं देती,
मेरा तुम्हे पाना एक ख्वाब ही तो है, जिसे दुनिया पूरा होने नहीं देती।
मुझे फुर्सत ही कहा है जो मौसम सुहाना देखु,
तेरी याद से निकलू तो ज़माना देखु।
मोहब्बत हो जाती है लेकिन उसे पाने के लिए किस्मत
बहुत तड़पती है ।
मसरूफ थे हो मिलने की चाह थी उनसे,
फुर्सत मिली तो बात करने से भी दर लगता है,
इन आँखों जब तेरा दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो, त्यौहार हो जाता है।
पहली बार मिलने की शायरी
आओ करीब इतना के आपको हासिल कर ले हम,
सीने से लगा लो इस तरह की खुद को रूह में दाखिल कर ले हम।
तुमसे मिलने का मन कर रहा है,
मैं को समझाया तो दिल तड़प पड़ा,
दिल को बहलाया तो आँखे रो पड़ी,
उन्को चुप करा तो कराया तो सांसे बोल पड़ी।
हालत कह रहे है की अब मुलाकात नहीं होगी,
दिल कह रहा है की थोड़ा इंतज़ार और कर।
एक सुकून सा मिलता है तेरे आने से,
ठहर जाने से, मुस्कुराने से,
यह मिलने की ज़िद्द बेवजह नहीं।
अच्छा लगा देख कर तुम मिलने आये तो सही,
हक़ीक़त में नहीं तो ख्वाबो में ही सही।
तुम भी मिलने की ख्वाहिश रखते हो,
या फिर में भी बेताब हूँ तुम्हारे दीदार को।
ऐसा क्या लिखू जो तेरे दिल में हलचल मच जाये,
मेरे शब्दों को तू पढ़कर मुझसे मिलने आ जाये।
रात हो गई, सो ले तू भी आरज़ू,
कल उसका इंतज़ार फिर से करेंगे।
बाँध दिया है आज मेने दिल को रस्सियों से,
बहुत ज़िद्द कर रहा था तुमसे मिलने की।
तुम्हारा मैसेज आये ना आये
लेकिन तुम्हारा ख्याल ज़रूर आता है।
प्यार वो है जिसमे किसी के मिलने की उम्मीद ना हो,
फिर भी इंतज़ार उसी का हो।
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