Garibi par shayari : दोस्तों हमेशा की तरह हाज़िर हे आप के लिए एक और नई पोस्ट लेकर दोस्तों वैसे तो हमने इस website पर बहोत सी हिंदी शायरी upload कर रखी है लेकिन इस पोस्ट में हम गरीबी पर हिंदी शायरी लिखेंगे इस मेरी नज़रों में garib वो नहीं होता जिसके पास पैसे नहीं होते, मेरी नज़र में गरीब वो है जिसके पास अच्छे लोग नहीं है।
इस पोस्ट में आपको कुछ ऐसी ही शानदार और लाजवाब Garibi par Shayari देने की कोशिश की है जिसे सुन कर आप भी वाह वाह कहेंगे । दोस्तों यह दुनिया बड़ी ही ज़ालिम है इसे इंसान के अच्छे और बुरे का पता सिर्फ उसे पास कितना धन है उससे लगता है। इस लिए मेरे भाइयो में आप सब से गुज़ारिश करूँगा की अपने आप को इतना काबिल बनाओ की लोग अपने दांतो में उँगलियाँ ले जाये आपकी कामयाबी को देख कर।
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GARIBI PAR SHAYARI IN HINDI
किसी की गरीबी की मज़ाक मत बनाना यारों,
क्योकि कमल अक्सर कीचड़ में ही पैदा होता है ।
दान करना ही है तो गरीबो को दान कर ऐ इंसान,
कब तक मंदिर मस्जिद को अमीर बनता रहेगा ।।
ऐ खुदा तेरी बनाई इस दुनिया में हर अच्छे बुरे का हिसाब,
क्यों गरीबी से ही लिया जाता है ।
तंगहाली को इंसान पे ऐसे हावी देखा है मेने,
जिस्म को हवस के हवाले करते देखा है मेने ।।
सुबह से घूम रहा था वो एक रोटी की तलाश में,
आखिर थक कर तब्दील हो गया वो एक मुर्दा लाश में ।।
बड़ा बेदर्द है यह ज़माना मेरे दोस्तों,
यहाँ किसी का दर्द नहीं देखते लोग,
लेकिन दर्द की तस्वीर खींच लेते है लोग ।।
गरीबी मेरे घर की,
छीन ले गई मेरे सामने से बचपन मेरा ।।
दिखने में वो गरीब थे साहब,
मगर उनकी हसीं नवाबो से काम नहीं…!
एक गरीब दो रोटियों में पूरा दिन गुज़र देता है,
वो ख्वाहिशो को पालता नहीं मार देता है ।।
अमीरों की औलादो को चाय पसंद नहीं आती,
और गरीबो की औलादे चाय बेचकर रोज़ी कमाते है ।
घर जाके जब बच्चो को खाना खिलाया होगा,
बच्चो को क्या मालूम बाप ने किस हाल में कमाया होगा ।।
इंसानो की बस्ती में यह केसा शोर है,
अमीरों का घर भरा हुआ है,
और गरीब भूखे पेट सो रहा है ।
कितना खौफ होता है शाम के अँधेरे में,
पूछ उन परिंदो से जिनके घर नहीं होते है ।
गरीब और अमीर की शायरी
खुदा से की गई सारी शिकायते,
उस वक़्त मुझे बेमतलब सी लगी,
जब वास्तविक जरुरतमंदो को मेने,
खिलखिला कर हस्ते देखा ।।
बदन काँप रहा था किसी का ठण्ड से,
और जुटे वाले बोले, वाह क्या गुलाबी मौसम है।
मैं देखती रही उसे उसकी ख़ामोशी को सुनती रही,
एक बच्ची अमीरो से बिख मांग कर कई सपने बुनती रही ।।
तहज़ीब की मिसाल गरीबो के घर पे है,
दुपट्टा फटा हुआ है मगर उसके सर पर है ।
ख्वाहिशे गिरवी रख मैं चेन से सोया,
यूँ ताउम्र मेने अपनी गरीबी को खोया ।।
जब खुदगर्ज़ी जज़्बातो के करीब हो जाती है,
तब मुकम्मल रिश्तो में भी गरीबी हो जाती ।।
जो अमीर था कल तक आज वो फ़क़ीर बन गया,
वक़्त है साहेब, चाँद पलों में ही कितनो का नसीब बदल गया ।।
गरीबी में भोजन ना सही, पानी से गुज़ारा कर लेते है, ***
कैसे बताये हम गरीबी में कुछ भी समझौता कर लेते है ।
अपनी गरीबी पर अफ़सोस ना करना मेरे दोस्त,
मैंने अक्सर अमीरों को ज़रा सी सुकून के लिए तरसते देखा है ।।
पैसों की गरीबी अच्छी होती है,
दिल की गरीबी से,
तन्हाई अच्छी है मतलब की करीबी से ।
गरीबी पर शायरी हिंदी में
अपनी ज़िन्दगी में हर कोई अमीर है,
गरीब तो यह ख्वाहिश बना देती है ।
पैरों के जख्म दिखा कर जो अपना घर चलता है साहब,
वो शख्स महज़ अपने जख्म भर जाने से डरता है ।
जान दे सकते है बस एक यही हमारे बस में है,
सितारे तोड़ के लेन की बात हम नहीं करते ।।
डिग्री लेकर रिक्शा खींचे युवक इन बाज़ारों में,
अनपढ़ नेता डोरे पर है महंगी महंगी करों में ।।
राहों में कांटे थे फिर भी वो चलना सीख गया,
वो गरीब का बच्चा था हर दर्द में जीना सीख गया ।।
गरीब की किस्मत ही खोटी मिलती है,
मेहनत के अनुसार आमदनी छोटी मिलती है,
दिन भर खून पसीना एक करते है, तब जाकर,
रात को खाने में आधी रोटी मिलती है।
वो कुछ इस तरह गरीबी को हरा देते है,
जब बिना कपडे बिना खाने के भी वो मुस्कुरा देते है ।।
अमीरों की छत पर बारिश होती है,
गरीबों की छतो से बारिश होती है ।
जब भी देखता हूँ गरीब को मुस्कुराते हुए,
समाज जाता हूँ की यक़ीनन खुशियों का ताल्लुक दौलत से नहीं होता।
garib ki shayari
बड़ी बेशर्म है यह गरीबी
कम्बख्त उम्र का भी लिहाज़ नहीं करती ।।
एक गरीब रात को सो कर
रोटी के सपने देखता है,
और अगली रात भूख से फिर सो भी नहीं पाता ।
मेरे अंदर के अंगार को लोग राख समझ लेते है,
मज़बूरी नहीं समझता कोई,
मेरी गरीबी को लोग मज़ाक समझ लेते है।
चले जिसपे सबका ज़ोर… किसी बदनसीबी है,
हा हा हा सही पहचाना, यही गरीबी है ।।
अजीब मिठास है मुझ गरीब के खून में भी,
जिसे भी मौका मिलता है वो पिता ज़रूर है ।।
कोई किसी का ख़ास नहीं होता,
जब पैसा पास नहीं होता ।।
ज़िन्दगी आज किस मोड़ पे आ खड़ी है,
की गरीबी महंगाई से आ लड़ी है।
अमीरों की ज़रूरत अक्सर गरीबो का शोक रह जाता है ।
राजी रहा करो खुदा की राजा में जनाब,
तुमसे भी बहुत मजबूर है इस जहाँ में।
नज़र आपकी खूबसूरत होनी चाहिए,
हम गरीब फटे कपड़ो में भी खूबसूरत नज़र आयंगे ।
मेरे कपड़ो से ना कर मेरे किरदार का फैसला,
तेरा वजूद मिट जायगा,
मेरी हकीकत जानते जानते ।।
गरीब की बस्ती में ज़रा जाकर तो देखो,
वहां बच्चे भूखे तो मिलेंगे,
मगर उदास नहीं ।।
गरीब की हाज़त रावइ तू ही किया कर मेरे मोला,
तेरे बन्दे बड़ा जलील करते है ।
बड़े बुजुर्ग कहते है की गरीब व्यक्ति की हाय,
और दोगले व्यक्ति की राय कभी नहीं लेनी चाहिए ।
मगन था में, सब्ज़ी में कमी निकालने में,
और खुदा से सुखी रोटी का शुक्र मना रहा था ।
लोग गरीबो से अपना करीब का रिश्ता छुपाते है,
और अमीरो से दूर का रिश्ता भी निभाते है ।।
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