इग्नोर करने वाली शायरी हिंदी में : मोहब्बत में जब कोई हमें इग्नोर करता है या फिर नज़रअंदाज़ करता है वो ही फीलिंग्स को लेकर में आपके लिए आज की इस पोस्ट को लेकर आया हूँ, दोस्तों जब हम किसी इंसान से मोहब्बत करते है तो हमें उसकी आदत सी हो जाती है जैसे सुबह उठते ही उसे Good Morning के messages करना, रात को देर रात कर बाते करना, और दिन में हर थोड़ी देर में call करना और हाल चल पूछना ।
ऐसे में उस इंसान को जिसे हम बार बार call या फिर messages करते है उसे यह लगता है की हम फालतू है और वो इंसान हमारी कदर करना छोड़ देता है, इस लिए में आप सब को चाहे आप लड़का हो या लड़की जिस भी इंसान को आप प्यार करते है उसे एक limit तक ही इम्पोर्टेंस दे जब आप को लगे की सामने वाला आपको भाव नहीं दे रहा है तो फिर आप भी थोड़ा Busy Person बन जाये और अपना time का सही इस्तेमाल करे ।
इस पोस्ट में आप के लिए इग्नोर करने वाली शायरी लेकर आया हूँ । अगर आप को यह पोस्ट पसंद आये तो हमें निचे कमेंट कर के जरूर बताये।
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इग्नोर करने वाली शायरी हिंदी में
जब सोच ही लिया है तो क्यों घबराना,
बढ़ चुके हो आगे तो क्यों डगमगाना,
हाँ मुश्किल तो होगा तेरे बिना आगे का सफर,
रोये तुम नहीं तो क्यों छोड़े हम मुस्कुराना।
बहुत हंसी आती है मुझे उन लोगो पर,
जो मुझे मुझसे ज़्यादा जानते है।
अगर कोई पसंद नहीं तो उसे बता दिया करो,
यूँ नज़रअंदाज़ करने से, बस गलतफहमियां भड़ती है।
कुछ यूँ वो अपना प्यार बयां कर रहे है,
आजकल वो हमें नज़र अंदाज़ कर रहे है।
इतना भी मत परेशां हो लोगो से,
अरे यह लोग तो Climax ला रहे है आपकी ज़िन्दगी का ।
Attitude मेरा खानदानी है,
तू मेरे लिए दिल की रानी है,
इसलिए कह रहा हूँ मान ले मेरी बात,
वरना मेरे लिए तेरी सहेली दीवानी है।
इग्नोर करने वाले स्टेटस
अच्छा है खुद पे मगरूर होक मायूस बैठे है,
ना जाने दिल में क्या क्या ले बैठे है,
हम तो खुश है बस इतनी सी बात पे,
वो हमारे सामने खामोश बैठे है ।।
मुझे सुनिए नज़रअंदाज़ ना कीजिये जनाब,
मेरे हालत से अच्छे है ख़यालात मेरे !!
जिन लोगो का इंतज़ार करते है,
वो इंतज़ार करवाते रहते है,
और जिन्हे नज़रों से हटाना चाहते है
वो बार बार सामने आते रहते है !!
दूध सा इश्क़ लिए सीधा सा लड़का वो,
चाय के शौकीन तुम नज़रअंदाज़ कर गए ।
नाराज़गी तो नहीं है हमसे उनकी कोई भी,
पर शायद अब हम उन्हें नज़र नहीं आते ।।
खुश रहो या खफा रहो,
हमसे दूर और और दफा रहो ।।
नजरअंदाज शायरी 2 Line
किसपे विश्वास करूँ मैं,
अब अपने ही अपने नहीं रहे,
और वो जो बात ज़िन्दगी की करते थे,
वो अब सपनो में ही नहीं रहे ।
सादगी तो देखो उन नज़रो की,
हमसे बचने की कोशिश में,
बार बार हमें ही देखती है।
जब रहना है तनहा, तो रोना केसा,
जो था ही नहीं अपना, उसे खोना केसा ।।
कभी इतना ना मुस्कुराओ की नज़र लग जाये,
हर एक की आँख में मेरी तरह मोहब्बत नहीं होती ।
नज़रें कैसे मिलों में आपसे,
जब आपने हमारी नज़रों को उस नज़र से देखा ही नहीं ।।
बेइंतेह मोहब्बत है उनसे पर
उनकी नज़रअन्दाज़िया जान मेरी लेती है,
शिकायत भी किस्से करूँ मैं उनकी,
वो पसंद भी तो मेरी है।
इग्नोर करने वाले स्टेटस
तुम नज़रअंदाज़ कर के तो देखो,
फिर नज़र आ जाऊँ तो कहना ।।
किसी का मैसेज ना आना भी
एक मैसेज होता है।
अब वो भी हमें नज़र अंदाज़ करने लगे है,
मुरशद, वो जो कहते थे कभी की मुझे तुम्हारे सिवा
कुछ नज़र नहीं आता।
नहीं रही शिकायत अब तेरी नज़रअंदाज़ी से
तू बाकियो को खुश रख, हम तनहा ही अच्छे है।
छोटी छोटी गलतियों को नज़रअंदाज़ किया करो,
छोटी छोटी खुशियों को बेहिसाब जिया करो ।।
गुनाह क्या थे मेरे मालूम ही नहीं कोई तो शिकायत दे दो,
यह किसी सजा नज़रअंदाज़ की यार तुम मुझे जमानत दे दो !!
गलती हमारी थी जो हम ज़्यादा बात करने लगे,
और जब उनकी आदत पड़ी, तो वो नज़रअंदाज़ करने लगे।
इग्नोर करने वाली शायरी हिंदी में
पहले वो ख़ामोशी भी समझ जाते थे,
अब तो अल्फाज़ो को भी नज़रअंदाज़ कर जाते है ।।
जो धोखा था उसे हक़ीक़त समझ बैठा,
जो हक़ीक़त थी उसे नज़र अंदाज़ कर लिया ।।
तरीक़ा अच्छा अच्छा ढूंढा है उसने हमें
नज़रअंदाज़ करने का,
वो रुठ थी भी उस मसले पे है
जहाँ हमें मानना नहीं आता ।।
तकलीफ यह नहीं तुझे अजीज कोई और है
दर्द तब हुआ जब हम नज़र अंदाज़ कर दिए गए।
यूँ कर ना नज़र अंदाज़ मुझे,
दिल टूट सा जाता है,
सांसे तो चलती है पर धड़कन थम सी जाती है ।।
अगर मिल जाऊं गलती से तो इतना एहसान कर देना,
देखकर मुझे तुम बस नज़र अंदाज़ कर देना।
नज़र अंदाज़ करते है वो,
मतलब हम नज़र में तो हैं।
मुझे नज़रअंदाज़ करना है तो शिद्दद से करना,
कहीं नज़र आ गई ना तो अंदाज़ ही बदल जायगा ।।
यह सोचना गलत है की तुम पर नज़र नहीं,
हम मशरूफ बहुत है पर बेखबर नहीं ।।
कुछ यूँ मिली नज़रें उनसे की,
बाकि सब नज़रअंदाज़ हो गए ।।
नाराज़ उतरा करते थे वो,
फिर नज़र से ही उतार दिया ।।
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तेरा मुझ पर हर दफा सितम कर जाना,
साथ होकर भी मुझे अकेला कर जाना,
बेहद रुलाता है मेरी जान मुझे तेरा यह बेरुखा सा किरदार,
की देखकर भी राहों में हर बार अनदेखा कर जाना ।।
खुदको खुदकी खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी हमें इस कदर ना लगे,
तुमको देखा है मेने इन नज़रो से,
जिस नज़रों से तुम्हे कभी नज़र ना लगे।
ज़िन्दगी आसान नहीं होती, इसे आसान बनाना पड़ता है,
कुछ अंदाज़ से, कुछ नज़र अंदाज़ से ।।
उसने नज़र अंदाज़ इस कदर किया हमें,
की अब नज़र ही नहीं आते है हम उन्हें।
अरे यह नज़रअंदाज़ का हुनर हमने तुमने सीखा है,
अब इसे बदतमीजी कह कर खुद को बदनाम ना कर ।।
यह जो तुम नज़रों से अब गिरो हो,
अब नज़रें फिर मिलाओगे कैसे ।।
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